
कानून व्यवस्था
भारत में चल रहे ब्रिटिश उपनिवेशिक शासन के समस्त नियमों-कानूनों को राष्ट्रीय सनातन पार्टी की सरकार अमान्य घोषित करेगी, साथ ही सत्ता-हस्तांतरण के बाद की सरकारों द्वारा बनाए गए वो क़ानून जो राष्ट्रहित में नहीं है, राष्ट्र के नागरिको की एकता को प्रभावित करते हैं, उन्हें भी बदला जायेगा।
भ्रष्टाचार, बलात्कार, दहेजहत्या, गौहत्या, आतंकवाद व मिलावट करने वालों के विरूद्ध मृत्युदण्ड का कानून बनाकर समस्त भारतीयों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इसके लिए देश में फास्टट्रेक कोर्ट बनवाकर एक से तीन माह में तुरन्त न्याय की व्यवस्था की जाएगी, जिससे कि अपराधियों को तुरन्त दण्ड मिल सके और इन भ्रष्टाचार व बलात्कार आदि करने वालों के मृत्यदण्ड के कानून को राष्ट्रपति के क्षमादान के अधिकार से मुक्त कराया जाएगा।
राष्ट्रीय सनातन पार्टी देश के नागरिकों के लिए एक दंड संहिता बनाएगी तथा शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून, अर्थ व कृषि व्यवस्था का पूर्ण भारतीयकरण व स्वदेशीकरण किया जाएगा।
कोर्ट में जूरी व्यवस्था लागू की जायेगी।
साम्प्रदायिक आधार पर भेदभाव करने वाले कानूनों को निरस्त कर समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी।
वर्तमान भारतीय व्यवस्था जाति व धर्म के आधार पर भारतीय नागरिकों में भेदभाव करती हैं, यह व्यवस्था धर्म व जाति के आधार पर किसी नागरिक को सामान्य, तो किसी नागरिक को विशेषाधिकार देती हैं। इस वैधानिक भेदभाव के चलते देश में जातीय व साम्प्रदायिक तनाव बढ़ रहा हैं, जो राष्ट्रीय एकता व अखण्डता के लिए घातक हैं, और कालांतर में गृहयुद्ध का कारण भी बन सकता हैं।
राष्ट्रीय सनातन पार्टी की सरकार बनने पर राष्ट्रहित में बहुविधानों के स्थान पर संविधान लागू किया जायेगा तथा उन सभी व्यवस्थाओं को बदला जाएगा जो किसी भी तरह से भारतीय नागरिकों में भेदभाव करती हैं। समान नागरिक संहिता लागू करके देश की जनता को समानता का अधिकार दिया जायेगा।
सनातन धर्म को संवैधानिक संरक्षण प्रदान किया जायेगा।
मंदिर एक्ट बनाकर सनातनी मंदिरों की संपत्ति को सुरक्षित किया जायेगा। हिन्दू मठ मंदिरों की संपत्ति केवल सनातन हित में उपयोग की जा सकेंगी। सनातन हिन्दू मंदिरों का धन केवल हिन्दू समाज के उत्थान व सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार – प्रसार में ही खर्च किया जाना सुनिश्चित किया जायेगा। सभी बडे मंदिरों में देवालय के साथ ही गुरुकुल, अन्नक्षेत्र, जलाशय, चिकित्सालय व गौशाला संचालन की व्यवस्था की जायेगी। मंदिरों के चढ़ावे से गरीब सनातनी हिन्दुओं को आर्थिक सहायता दी जायेगी, जिससे धर्मांतरण रुकेगा, सनातन धर्म सशक्त बनेगा।
वक्फ-संपत्ति व शत्रु-संपत्ति का सरकारीकरण किया जायेगा।
शासकीय कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को पुन: चालू किया जायेगा।
जातिवाद को असंवैधानिक घोषित किया जायेगा, सरकारी महत्व के अभिलेख, विद्यार्थी पंजीकरण, मूल निवास, जॉब पंजीकरण आदि परिपत्रों में जाति लिखने को प्रतिबंधित किया जायेगा।
सभी मत/रिलीजन के भारतीय नागरिकों के लिए अधिकतम तीन संतान उत्पन्न करने का कठोर जनसंख्या कानून बनाना, इस कानून की अवमानना करने वाले को सभी सरकारी सुविधाओं व वोट के अधिकार से वंचित किया जायेगा।
राष्ट्रीय सनातन पार्टी की सरकार बनने पर अनुसूचित जाति जनजाति आयोग, पिछड़ा वर्ग आयोग की तरह ही सामान्य वर्ग आयोग का गठन किया जायेगा।
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए एक सौ रूपये से अधिक बड़े नोटों का प्रचलन बंद किया जायेगा।
भ्रष्टाचारियों की संपत्ति को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किया जायेगा तथा भ्रष्टाचारियों के लिए कठोर दंड का प्रावधान किया जायेगा।
विदेशी फंड से संचलित होने वाली देश-विरोध गतिविधियां अथवा सभी धार्मिक कृत्यों पर पूर्णता अंकुश लगाएंगे।
सत्ता में आने के 3 साल के भीतर बांग्लादेशी, रोहिंग्याओं तथा बाकी सभी अवैध घुसपैठियों को निर्वासित कर उन्हें उनके मूल देश में भेजा जायेगा।
पूरे देश में NRC लागू करेंगे।
कश्मीर से निकाले गए हिन्दुओं को सुरक्षा के साथ पुनस्थापित किया जायेगा और हिन्दुओं के नरसंहार को अधिकारी रूप से नरसंहार घोषित कर यूएन कन्वेन्शन ऑन क्राइम्स अगेंस्ट जीनोसाइड के तहत नरसंहारियों (जिहादियों) को कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत दंडित किया जायेगा।
वक्फ एक्ट, Places of Worship Act को निरस्त किया जायेगा।
सच्चर कमेटी के क्रियान्वयन को तत्काल निरस्त किया जायेगा।
हिन्दू धर्म से घृणा सिखाने वाली नवबौद्धों की चौबीस प्रतिज्ञाओं को प्रतिबंधित किया जायेगा तथा इन प्रतिज्ञाओं का पठन-पाठन, प्रकाशन व प्रचार-प्रसार को कठोर दंडनीय अपराध बनाया जायेगा।
धर्मांतरण पर पूरी तरह से रोक लगेगी तथा इसके लिए कठोर कानून लाये जाएंगे।
माता-पिता की अनुमति के बिना कन्याओं को जबरन अथवा लालच दे कर अथवा झूठ बोल कर किया जा रहा अंतर-धार्मिक विवाह तथा विवाहेतर सम्बन्ध के विरुद्ध कठोर कानून लाया जायेगा।
प्रेम विवाह की स्थिति में लड़की व लड़के के माता-पिता दोनों की सहमती अथवा दोनों पक्षों में से एक-एक, माता अथवा पिता की सहमती होना आवश्यक हैं, ऐसा न होने की स्थिति में प्रेम विवाह अमान्य घोषित किया जायेगा।
लव जिहाद पर कठोरतम दंड का प्रावधान किया जायेगा।
विवाह विवाद में न्याय-प्रक्रिया में जाने से पहले मध्यस्थता को प्रोत्साहित किया जायेगा।
ऐसी समितियाँ बनायी जाएंगी जिनमें सम्मानित वरिष्ठ नागरिक, उच्च सेवानिवृत्त लोग, तथा समाज के अन्य विशेषज्ञ शामिल होंगे। वैवाहिक विवाद के सभी मामले अदालतों में जाने से पहले इन समितियों के पास जाएंगे।
प्राचीन भारतीय न्याय प्रणाली खाप पंचायत को संवैधानिक मान्यता प्रदान की जायेगी।
सनातन विवाह संस्कार पर समलैंगिकता के आक्रमण को हतोत्साहित किया जाएगा और समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं दी जायेगी।
परिवारों को संयुक्त बनाए रखने के लिए प्रोत्साहन कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
मृत्यु उपरांत श्राद्ध के लिए तेरह दिनों के अवकाश को सभी संस्थानों में अनिवार्य किया जायेगा।
घरेलू हिंसा के कानूनों में महिलाओं के समान ही पुरुषों को भी जोड़ कर इनको लिंग के प्रति तटस्थ (Gender-Neutral) बनाया जायेगा।
सरकार, न्यायालय अथवा एक्टिविस्टों द्वार परिवार तोड़ने के लिए लाये गए सेक्शन-69 जैसे प्रावधानों को समाप्त किया जायेगा।
चल-अचल पैतृक संपत्ति में पुरुषों के अधिकार के समान ही महिलाओं को मायका या ससुराल में से केवल एक जगह ही अधिकार दिया जायेगा।
महिला आयोग की आधार पर ही राष्ट्रीय पुरुष आयोग का गठन किया जायेगा।
फिल्म, कला, OTT अथवा स्कूली पुस्तकों से व्यभिचार को बढ़ावा देने वाली तथा परिवार को तोड़ने वाली सामग्री हटाई जायेगी। ऐसी सामग्री डालने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी।
परिवार को तोड़ने वाले सभी कानूनों की समीक्षा की जायेगी।
पुलिस सुधार किये जाएंगे। पुलिस का सशक्तिकरण तथा आधुनिकीकरण किया जायेगा।
भीड़ के द्वारा किये गए संगठित और नियोजित पथराव को राष्ट्रद्रोह माना जाएगा तथा इसके लिए कठोर से कठोर दंड का प्रावधान होगा।
भीड़ के द्वारा सरकारी अथवा निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने पर उस नुकसान की वसूली उनकी चल अचल सम्पति को जब्त करके किया जायेगा। इसके लिए केंद्रीयकृत कानून लाया जायेगा।
अरबी साम्राज्यवाद की मजहबी हिंसा के शिकार लोगों को आत्मरक्षा के लिए सस्ते लाइसेंस दिए जायेगे। इसके लिए लाइसेंस के अधिनियम में आवश्यक परिवर्तन किये जाएंगे।
CISF की तर्ज पर “धार्मिक संपदा सुरक्षा सेना” का गठन किया जायेगा जो धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
सभी मुख्य मंदिरों के 10 किलोमीटर के दायरे में शराब और मांस के प्रयोग पर रोक लगेगी।
सनातन मूल्यों के प्रचार प्रसार को विदेश नीति के प्रमुख लक्ष्यों में जोड़ा जायेगा।
संसार के सभी सनातन धर्मियों के लिए भारत को उनका प्राकृतिक राष्ट्र घोषित कर उनके लिए नागरिकता का मार्ग खोला जायेगा।
भारत के बाहर बसे भारतीयों को नस्लवाद, गुटबाजी, भेदभाव आदि से हर तरह की सुरक्षा प्रदान की जायेगी।
भारत देश केवल उन्हीं देशों की सहायता करेगा जो सनातन मूल्यों को सम्मान देते है।
नेपाल के हिन्दू राष्ट्र बनने का समर्थन किया जायेगा।
भविष्य की ऊर्जा सुरक्षा और व्यापार के लिए मध्य पूर्व, अफ्रीका, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और लैटिन अमेरिका में सहयोगियों को बढ़ाएंगे।
यूरोप के General Data Protection Regulation (GDPR) की तर्ज पर देश के लोगों के डाटा को सुरक्षित रखने के लिए कानून लाये जायेंगे। किसी भी कंपनी के द्वारा भारतीयों के डाटा को रखने तथा इस्तेमाल करने के तरीके में आमूल- चूल परिवर्तन किया जायेगा। लोगों को अपने डाटा को सुरक्षित करने के लिए कानूनी रूप से सशक्त किया जायेगा।
लोगों के व्यक्तिगत डाटा का दुरुपयोग कर के लक्षित विज्ञापन (Targeted advertising) चलाने को रोका जायेगा। कोई भी कंपनी, किसी के भी प्राइवेट डाटा को बिना उसकी अनुमति के उपयोग नहीं कर सकेगी।
PPP मॉडल पर भारत के स्वदेशी डाटा सेंटर खड़े किए जाएंगे जो भौतिक रूप से भी देश की सीमा में ही होंगे।
सरकार, फौज तथा उनसे जुड़े सभी कर्मचारियों का संवेदनशील डाटा और उनका व्यक्तिगत डाटा केवल देश के भीतर के डाटा सेंटरों में ही रखा जाएगा जिसे देखने का अधिकार किसी भी प्राइवेट कंपनी के पास नहीं होगा।
सरकार तथा उससे जुड़े संस्थानों के सभी कर्मचारी किसी भी विदेशी प्लेटफार्म (जैसे Gmail, WhatsApp आदि) की जगह केवल स्वदेशी प्लेटफॉर्म्स को ही उपयोग करेंगे।
सर्च इंजन तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा उत्पन्न परिणामों में देश तथा सनातन के विरोध में दिखाए जा रहे झूठे रिजल्ट के विरुद्ध कानून लाया जायेगा।
कानून बनाकर आक्रांताओं द्वारा तोड़े गए प्रमुख 40000 सनातनी हिंदू मंदिरों का पुनर्नोद्धार किया जायेगा।
वैज्ञानिक आधार पर बने श्रीकृष्ण सम्वत वैदिक पंचांग को सरकार का ऑफिसिपल कैलेंडर बनाया जायेगा।
प्रमुख और बड़े सनातनी त्योहारों पर छुट्टी अनिवार्य की जाएगी।
भारतीय गौवंश की हत्या पर संपूर्ण प्रतिबंध लगाकर ऐसा करने वालों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान लाया जायेगा।
भारत में हलाल सर्टिफिकेशन को पूर्ण रूप से बंद किया जायेगा तथा इसका उलंघन करने वालों पर कठोर दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
मदरसों को दिया जाने वाला सरकारी अनुदान पूर्णतः समाप्त किया जायेगा।
भारत में किसी भी स्थान या परियोजना का नाम विदेशी आक्रांताओं अथवा देश के गद्दारों के नाम पर नहीं होगा। एक केंद्रीय कानून ला कर ऐसी सभी स्थानों का नाम एक बार में ही उनके मौलिक नाम के आधार पर बदल दिया जाएगा।
तीर्थ क्षेत्रों में पंडों द्वारा सुरक्षित रखे गए सभी सनातनी पूर्वजों के रिकॉर्ड को मान्यता प्रदान करते हुए डिजिटाइज़ कर उसका ऑफिसियल डाटा सेंटर बनाया जायेगा जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया जायेगा। ऐसे पंठों को सरकारी अनुदान दिया जायेगा।
अपने पूर्वजों के मूल सनातन धर्म में घर वापसी करने वालों को कानूनी संरक्षण दिया जायेगा।
सभी मंदिरों एवं तीर्थ क्षेत्रों के 10 किलोमीटर के दायरे में शराब और मांस की बिक्री तथा प्रयोग पर रोक लगेगी।
सिनेमा, OTT तथा टीवी पर ऐसे कंटेंट बनाने वालों को प्रोत्साहन दिया जाएगा जो अपने कंटेंट के माध्यम से बच्चों में अच्छे संस्कारों को बढ़ावा देते हैं। सनातन मूल्यों, भारतीय सेना, स्वतंत्रता सेनानी, भारतीय ऋषियों, आदि की गलत छवि पेश करने वाले सभी कंटेंट को पूर्णतः हटाया जायेगा।
न्यू वर्ल्ड आर्डर (जहाँ बच्चों में समलैंगिकता तथा लिंग परिवर्तन जैसी चीजों को प्रोत्साहित किया जाता हो) को प्रोत्साहन देने वाले कंटेंट पर प्रतिबंध लगाया जायेगा।
हिन्दू साधु-संतों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर उनपर झूठे केस करके फसाने वाले तथा उनको किसी भी प्रकार की प्रताड़ना देने वालों के खिलाफ कठोरतम दण्ड का प्रावधान लाया जायेगा।
न्यू वर्ल्ड आर्डर के हर अजेंडे (WTO, WHO, One Religion, Depopulation, बच्चों में समलैंगिकता तथा लिंग परिवर्तन जैसी चीजों को प्रोत्साहित करना, आदि) से भारतीय नागरिकों के हितों को सुरक्षित रखा जाएगा।
फिल्म सेंसर बोर्ड को भारतीय मूल्यों के अनुरूप ढाला जाएगा।
अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष तरलोचन सिंह के अनुसार, 58 जातियों और 14 जनजातियों में मुसलमानों को भी आरक्षण का लाभ मिल रहा है। वहीं, वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले के अनुसार, 80 फीसदी मुस्लिम ओबीसी में आरक्षण का लाभ ले रहे हैं।
SC/ST तथा OBC में आरक्षण का लाभ ले रहे मुस्लिम, ईसाई तथा नवबौद्धों को तत्काल आरक्षण से बहार निकाला जाएगा।
अनुसूचित जाति/जनजाति में मुस्लिम-ईसाई आरक्षण का रास्ता ढूंढने के लिए भाजपा सरकार द्वारा बनाए गये डॉ. बालाकृष्णन कमेटी को तत्काल रद्द किया जाएगा।
SC/ST तथा OBC वर्ग के पहली से बारहवीं कक्षा तक लगातार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वालों को ही सरकारी नौकरी में आरक्षण का लाभ मिलेगा।
बिना जांच के SC/ST ACT में गिरफ्तारी पर रोक लगेगी। गलत आरोप पाए जाने पर आरोप लगाने वाले पर जुर्माने का प्रावधान होगा तथा इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशानुसार केस में न्यायालय का अंतिम निर्णय आने के उपरान्त ही पीड़ित को मुआवजा दिया जायेगा।
सनातन संस्कृति एवं सभ्यता को हानि पहुंचाने वाले अनुच्छेद, कानून तथा धाराओं की समीक्षा कर, उन्हें निरस्त किया जायेगा।