कृषि व्यवस्था

कृषि व्यवस्था

हमारे देश की 60% जनता आज भी कृषि पर निर्भर है, राष्ट्रीय सनातन पार्टी की सरकार किसान आयोग का पुनर्गठन करेगी जो कृषि के औद्योगीकरण, खाद्य-प्रसंस्करण व फसलों के मूल्यांकन की एक स्वस्थ व नई नीति बनाएगा, जिससे खेती घाटे का सौदा न रहें, गाँवों से पलायन रूके, साथ ही किसान आत्महत्या के लिए मजबूर न हो। राष्ट्रीय सनातन पार्टी कृषि लागत और मूल्य आयोग(Commission for Agricultural Costs and Prices) की भी समीक्षा करेगी तथा उसमें आवश्यक संशोधन करेगी ताकि कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाया जा सके व किसानों को उनकी लागत का कम से कम दो गुना मूल्य मिल सके। किसान की पूरी फसल लाभ के साथ ख़रीदना सरकार की ज़िम्मेदारी होगी। यदि किसान सरकार को फसल न बेचना चाहे तो यह उसकी इच्छा होगी।

जैविक कृषि हेतु प्रोत्साहन नीति बनायी जाएगी। जैविक कृषि से विष रहित अन्न, शाक, सब्जियां व फलादि उपलब्ध होंगे जो हमारे देश के नागरिकों के उत्तम स्वास्थ्य की रक्षा व राष्ट्र की रक्षा के लिए अति आवश्यक है।

हम जल संरक्षण के परम्परागत व प्राकृतिक उपायों को अपनाकर जल की एक – एक बूंद को धरती के गर्भ में उतारने का पूर्ण प्रयास करेंगे तथा बड़े बांधों की योजनाओं कोनिरस्त कर पर्यावरण केअनुकूल छोटे – छोटे बांधों की योजना पर कार्य किया जाएगा। सिंचाई हेतु नई नहरों का निर्माण कराया जाएगा। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि वैकल्पिक ऊर्जा के संयंत्रों का तंत्र विकसित किया जाएगा।

राष्ट्रीय सनातन पार्टी की सरकार बनने पर केन्द्रीय गौवंश मंत्रालय गठित करके स्वदेशी गौवंश को प्रोत्साहन की नीति बनाई जाएगी। केन्द्रीय योजना बनाकर जिला स्तर पर एक एक लाख गौवंश की क्षमता वाली गौशालाएँ बनवाकर, उनमें बेसहारा गाय, बैल व सांडों को रखकर गौवंश आधारित उद्योगों की शुरूआत की जाएगी, गैस, बिजली, खाद, औषधि, भवन सामग्री आदि गौवंश से उत्पन्न कर विदेशी मुद्रा बचायी जाएगी, तथा गाँवों में गौवंश आधारित संयंत्र स्थापित करने के लिए गौवंश पालक किसानों को सबसिडी देने का प्रावधान किया जाएगा, जिससे भारतीय किसान आत्मनिर्भर बनेगे।

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