राजनैतिक चिंतन का आधार

राजनैतिक चिंतन का आधार

जिस भारत की कल्पना विश्वविजेता सम्राट विक्रमादित्य, आचार्य चाणक्य, मेवाड़ केशरी महाराणा प्रताप, महाराजा सूरजमल, वीर हकीकत राय, हाड़ी रानी, छत्रपति शिवाजी, राजा सुहेल देव, वीर गोकुल सिंह, गुरु गोरक्षनाथ, गुरू गोविन्द सिंह, कप्पय्य नायक, चालुक्य सोमदेव, कृष्णदेव राय, ललितादित्य मुक्तापीड, भगदत्त, महर्षि वाल्मीकि, गुरू रविदास, स्वामी दयानन्द सरस्वती, आदि शंकराचार्य, मिहिरभोज, बिरसा मुण्डा, देवी अहिल्याबाई, रानी दुर्गावती, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, राम प्रसाद बिस्मिल, भगत सिंह, गोपाल पाठा, रानी लक्ष्मीबाई, रानी चेनम्मा, महर्षि अरविन्द घोष, चंद्रशेखर आजाद व राजीव भाई दीक्षित और अन्य सभी क्रान्तिकारियो ने की थी, हम सब वैसा भारत चाहते है।

यदि आप चाहते है कि केवल सत्ता का ही नहीं, बल्कि व्यवस्था का भी परिवर्तन हो, तो आइये राष्ट्रीय सनातन पार्टी के साथ और सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन के कार्य में जुट जाइये।

लक्ष्य

सनातन समाज और सनातन सभ्यता के मूल्यों की सभी बाहरी और आंतरिक शत्रुओं से रक्षा सुनिश्चित करने के लिए हम राजनैतिक व्यवस्था, शासन प्रणाली के चरित्र को बदलने के मिशन पर हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए हम एक सशक्त भारत को गति दे, जहां भारत के सभी नागरिक बिना किसी अनुचित सरकारी, असंवैधानिक भेदभाव के अपने सपनों और लक्ष्यों को पूरा कर सकें

राष्ट्रीय सनातन पार्टी सनातन सभ्यता और संस्कृति से प्रेम करने वाले प्रत्येक भारतीय, प्रत्येक सनातनी की पार्टी है आइये हमसे जुड़कर हमारा सहयोग करें ताकि सनातन के रक्षार्थ छिडे हुए इस युद्ध में हम मिलकर लड़ सकें और विजयी हो सकें

सनातन के इस पुनर्जागरण यज्ञ में सहभागी बने, हम सब मिलकर सनातन को सशक्त बनायेंगे

योजना

हमारा ध्येय एक सम्पूर्ण राजनैतिक क्रांति करना हैं और राजनीति में प्रत्येक प्रतिभाशाली भारतीय नागरिक को अपनी प्रतिभा प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करना हैं।

इसके लिए राष्ट्रीय सनातन पार्टी भारत के सभी 28 राज्यों और 9 केन्द्र शासित राज्यों की सभी विधानसभाओं तथा सभी 543 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में राजनैतिक विस्तार और साक्षात्कार आयोजित कर रही हैं।

हमारा उद्देश्य 2029 में सभी सीटें जीतकर सरकार बनाना है, ताकि राजनैतिक शुचिता से सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन करके सनातन धर्म को संवैधानिक संरक्षण प्रदान किया जा सकें।

उपयोगिता

राष्ट्रीय सनातन पार्टी का ध्येय वाक्य है “ राष्ट्रहित सर्वोपरि ”। इसका अभिप्राय है कि हमारी पार्टी और भावी सरकार जो भी निर्णय लेगी वे व्यक्ति, समाज, मत, पंथ, सम्प्रदाय, जाति, क्षेत्र आदि के हितों से ऊपर उठकर केवल राष्ट्रहित में किये जायेंगे। सभी निर्णय समानता के सिद्धान्त पर किये जायेंगे। भारतीय में लागू बहुविधानों को हटाकर संविधान लागू किया जायेगा। विदेशी कानूनों को समाप्त करके स्वदेशी दंड संहिता बनायेगे। अप्रत्यक्ष लोकतंत्र को प्रत्यक्ष लोकतंत्र में बदलकर देश के सभी नागरिकों को उनका अधिकार दिया जायेगा तथा भूख, भय, अभाव, अशिक्षा, असुरक्षा व बेरोजगारी से मुक्त, स्वस्थ, समृद्ध, शक्तिशाली एवं संस्कारवान भारत का पुनर्निर्माण किया जायेगा।