सनातन सभ्यता के रक्षण एवं संवर्धन के लिए राष्ट्रीय सनातन पार्टी के सप्त संकल्प

सनातन सभ्यता के रक्षण एवं संवर्धन के लिए राष्ट्रीय सनातन पार्टी के सप्त संकल्प

पहला संकल्प

राष्ट्रीय सनातन पार्टी संविधान में संशोधन करके सनातन धर्म को मत (रिलीजन) की मान्यता देगी। गैर हिन्दू मतों के समान सनातन धर्म को संवैधानिक संरक्षण प्रदान किया जायेगा, तथा भारत को संसार भर के हिन्दुओं का नैसर्गिक राष्ट्र घोषित करके उनके लिए नागरिकता का मार्ग खोला जायेगा।

द्वितीय संकल्प

हिन्दू नरसंहार एवं जनसांख्यिकी परिवर्तन को भारत की राजसत्ता के विरुद्ध किया गया अपराध माना जायेगा, जिसके लिए मृत्युदंड का प्रावधान कानून द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। सनातन धर्म और इसके सांस्कृतिक आदर्शो का अपमान, राष्ट्र का अपमान माना जायेगा,और ऐसा करने वालों पर कठोर दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

तृतीय संकल्प

संविधान में संशोधन कर केवल यहूदी व पारसी मतों को अल्पसंख्यक माना जायेगा। बौद्ध, जैन, सिक्ख भारतीय मत है, तथा ईसाई एवं मुसलमान मत वालों की जनसंख्या 2% से अधिक है, इसलिए इनका अल्पसंख्यक विशेषाधिकार समाप्त किया जायेगा।

चतुर्थ संकल्प

जातिवाद को असंवैधानिक घोषित किया जायेगा, शासकीय महत्व के सभी अभिलेखों पर जाति का उल्लेख प्रतिबंधित किया जायेगा।

पंचम संकल्प

मंदिर एक्ट तथा हिन्दू मन्दिर प्रबंधक बोर्ड बनाकर सनातनी मंदिरों की संपत्ति को सुरक्षित किया जायेगा। हिन्दू मठ मंदिरों की संपत्ति केवल सनातन हित में उपयोग की जा सकेंगी। सभी बडे मंदिरों में देवालय के साथ ही गुरुकुल, अन्नक्षेत्र, जलाशय, चिकित्सालय व गौशाला संचालन की व्यवस्था की जायेगी। मंदिरों के चढ़ावे से गरीब सनातनी हिन्दुओं को आर्थिक सहायता दी जायेगी, जिससे धर्मांतरण रुकेगा और सनातन एकता स्थापित होगी।

षष्ठ संकल्प

गौवंश की हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जायेगा। केन्द्रीय गौवंश मंत्रालय गठित करके स्वदेशी गौवंश के संरक्षण एवं प्रोत्साहन की नीतियां बनाई जाएगी। गौवंश को अर्थव्यवस्था से जोड़ा जायेगा, जिससे गौवंश तो बचेगा ही, साथ ही भारत के किसान भी सम्पन्न हो जायेगे। किसान आयोग का पुनर्गठन किया जायेगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल खरीदना अनिवार्य किया जायेगा।

सप्तम संकल्प

वक्फ बोर्ड व पूजा स्थल अधिनियम को समाप्त किया जायेगा। मुस्लिम पर्सनल लॉ एवं मदरसा शिक्षा को प्रतिबंधित किया जायेगा। ईसाई चर्चो को निन्यानवे साल की लीज पर दी गई भूमि को वापस लिया जायेगा। संविधान की समीक्षा कर सनातन संस्कृति एवं सभ्यता को हानि पहुंचाने वाले अनुच्छेद, कानून एवं धाराओं को निरस्त किया जायेगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून, अर्थ, कृषि व सैन्य व्यवस्था का पूर्ण भारतीयकरण व स्वदेशीकरण किया जायेगा।

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