
राजनीतिक व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन का संकल्प!
राजनीतिक व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन का संकल्प!
राष्ट्रीय सनातन पार्टी लाएगी जवाबदेह, पारदर्शी और जनहितकारी राजनीति।
आज की राजनीति में धोखे, झूठे वादों और धनबल की प्रधानता ने लोकतंत्र को कमजोर किया है। राष्ट्रीय सनातन पार्टी सत्ता में आने के बाद ऐसी राजनीतिक व्यवस्था की स्थापना करेगी, जिसमें जनता सर्वोपरि हो और राजनीति जवाबदेह बने।
- चुनाव सुधार (Electoral Reform):
राजनीतिज्ञों द्वारा चुनाव के समय किए गए वादों को कानूनी अभिलेख का दर्जा दिया जाएगा। यदि कोई नेता सत्ता में आने के बाद अपने वादों को पूरा नहीं करता है, तो उसे अदालत के सामने जवाब देना होगा। असंतोषजनक उत्तर देने पर उसके भविष्य के चुनाव लड़ने पर रोक लगेगी।
झूठे वादे = मतदाताओं से धोखा।
- राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता:
सभी राजनीतिक दलों की फंडिंग को RTI के दायरे में लाया जाएगा।
विदेशी फंडिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा ताकि किसी भी अंतरराष्ट्रीय लॉबी या विदेशी ताकत का देश की राजनीति में दखल न हो।
- कारपोरेट-पार्टियों की सांठगांठ पर विराम:
भाजपा सरकार द्वारा कंपनी अधिनियम, 2013 में किए गए उस संशोधन को समाप्त किया जाएगा, जिससे कंपनियों को राजनीतिक चंदे को गुप्त रखने की अनुमति मिली।
अब कानून बनाएंगे कि हर कंपनी को अपने वार्षिक खातों में राजनीतिक अनुदान का पूरा ब्योरा देना होगा।
- चंदा देने की सीमा तय:
कोई भी व्यक्ति, संस्था या कंपनी किसी राजनीतिक दल को 5 करोड़ से अधिक वार्षिक चंदा नहीं दे सकेगी। इससे चुनावी खर्च पर नियंत्रण और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
- स्त्री सशक्तिकरण:
राजनीति में महिलाओं की कम से कम 33% भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। पार्टी संगठन में भी महिलाओं को प्रमुख भूमिका दी जा रही है — विधानसभा से लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी तक।
राष्ट्रीय सनातन पार्टी की राजनीति का मूल मंत्र है:
“न सत्ता का मोह, न चंदे का लोभ – केवल राष्ट्रहित सर्वोपरि।”
आइए, ऐसी राजनीतिक क्रांति का हिस्सा बनें जो भारत को सच में लोकतांत्रिक, पारदर्शी और नीतिपरक बनाए।