शिक्षा व्यवस्था

राष्ट्रीय सनातन पार्टी की शिक्षा नीति

संस्कारयुक्त, आत्मनिर्भर और स्वाभिमानी भारत के लिए परिवर्तनकारी शिक्षा क्रांति!

  1. भारतीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा व्यवस्था:

शिक्षा को गुरुकुल परंपरा, चरित्र निर्माण और आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़ा जाएगा।

संस्कृति, संस्कार और स्वाभिमान को शिक्षा का मूल आधार बनाया जाएगा।

प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक मातृभाषा, राष्ट्रभाषा और संस्कृत को माध्यम बनाया जाएगा।

कक्षा 10 तक संस्कृत अनिवार्य होगी और संस्कृत को द्वितीय राजभाषा का दर्जा मिलेगा।

  1. शिक्षा में समानता और व्यावसायिकता:

एक देशएक शिक्षा बोर्ड” के सिद्धांत पर एक समान शिक्षा प्रणाली लागू की जाएगी।

प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा सभी के लिए निःशुल्क और अनिवार्य होगी।

विद्यालयों/महाविद्यालयों में व्यावसायिक, योग, संगीत, गौसेवा, खगोल, औषधि व सैन्य शिक्षा को अनिवार्य किया जाएगा।

छात्रों को इतना सक्षम बनाया जाएगा कि वे पढ़ाई के साथ ही आत्मनिर्भर बन सकें।

  1. इतिहास और पाठ्यक्रम का भारतीयकरण:

NCERT पुस्तकों का पुनः निरीक्षण किया जाएगा।

भारतीय इतिहास का पुनर्लेखन तथ्यों के आधार पर किया जाएगा।

विदेशी विचारों के अंधानुकरण के बजाय भारतीय ज्ञान परंपरा और गौरवशाली अतीत को स्थान मिलेगा।

भारतीय मनीषियों को उनके कार्यों का श्रेय दिया जाएगा, न कि उन विदेशी लोगों को जिन्होंने उन्हें चुराया।

  1. खेल और शिक्षा का समन्वय:

BCCI सहित सभी खेल संघों में केवल खिलाड़ी ही प्रशासनिक पदों के लिए पात्र होंगे।

ग्राम स्तर तक आधुनिक खेल सुविधाएं स्थापित होंगी।

खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं (जैसे अमेरिका, रूस, चीन) दी जाएंगी।

  1. उच्च शिक्षा और अनुसंधान में सुधार:

Arts Humanities के शोध को प्रोत्साहन और PhD धारकों को सिविल सेवा में सीधी भर्ती।

ब्रेन ड्रेन रोकने के लिए नीति: सरकारी संस्थानों के छात्रों को कम से कम 3 वर्षों तक भारत में सेवा देना अनिवार्य होगा।

मेडिकल और इंजीनियरिंग शिक्षा में डोनेशन पूर्णतः बंद किया जाएगा, और यह मातृभाषा में उपलब्ध होगी।

भारतीय चिंतन और साहित्य पर शोध हेतु अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र की स्थापना की जाएगी।

  1. शिक्षक व संस्थानों का सशक्तिकरण:

शिक्षकों को राष्ट्रनिर्माता का दर्जा और भर्ती के लिए UPSC जैसी पारदर्शी व्यवस्था बनेगी।

ठेका प्रणाली समाप्त होगी, सभी शिक्षकों को स्थायी रोजगार मिलेगा।

सरकारी स्कूल और विश्वविद्यालय विश्व-स्तरीय बनाए जाएंगे।

  1. शिक्षा के राष्ट्रीय लक्ष्य:

शिक्षा को संविधान के अनुरूप, समरस और सार्वभौमिक बनाया जाएगा।

कोचिंग आधारित शिक्षा प्रणाली को हतोत्साहित कर विद्यालय शिक्षा को सक्षम बनाया जाएगा।

संविधान संशोधन कर अनुच्छेद 30 में बदलाव लाकर हिंदुओं को भी अपने शिक्षण संस्थान स्थापित करने का समान अधिकार मिलेगा।

हमारा संकल्प:

भारत को शिक्षा, संस्कृति और स्वाभिमान से फिर से विश्वगुरु बनाना।”

राष्ट्रीय सनातन पार्टी शिक्षा नहीं, राष्ट्र का पुनर्जागरण लाएगी।