- जैविक खेती और बीज स्वराज्य:
पंचायत और ब्लॉक स्तर पर सहकारी संगठनों को जैविक खाद उत्पादन के लिए बढ़ावा मिलेगा।
हाइब्रिड बीजों पर रोक लगाकर पारंपरिक बीज संरक्षण को पुनर्जीवित किया जाएगा।
नकली बीज, खाद और कीटनाशकों के निर्माण व बिक्री पर कठोर दंड और जुर्माना लगेगा।
- आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत:
मुफ्त अनाज योजना की जगह 80 करोड़ लाभार्थियों को कुटीर उद्योगों से जोड़ा जाएगा, जिनके उत्पाद सरकार सीधे खरीदेगी।
हर गांव में कृषि के साथ-साथ गैर-कृषि आधारित आर्थिक इकाइयां भी स्थापित होंगी, जिससे स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
ग्राम स्तरीय सहकारी उपक्रमों को खड़ा कर स्वावलंबी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का निर्माण किया जाएगा।
- WTO नीति पर पुनर्विचार:
विश्व व्यापार संगठन (WTO) की नीतियों की पुनर्समीक्षा कर भारतीय किसानों के हितों को सर्वोपरि रखा जाएगा।
लक्ष्य:
“हर किसान को सम्मान, हर गांव को समृद्धि — आत्मनिर्भर भारत का निर्माण गांव से होगा।”